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जून, 2020 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

गुरु और परमात्मा में एक अंतर है ----

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एक व्यक्ति के घर परमात्मा और गुरु दोनों पहुंच गए। वो बाहर आया और उनके चरणों में गिरने लगा। वो पहले परमात्मा के चरणों में गिरा तो परमात्मा बोले- रुको-रुको! पहले गुरु के चरणों में जाओ। वो व्यक्ति दौड़ कर गुरु के चरणों में गया। गुरु बोले- मैं परमात्मा को लाया हूं, पहले परमात्मा के चरणों में जाओ। वो व्यक्ति परमात्मा के चरणों में गया तो परमात्मा बोले- इस परमात्मा को गुरु ही लाया है न, गुरु ने ही बताया है न, तो पहले गुरु के चरणों में जाओ। फिर वो गुरु के चरणों में गया। गुरु बोले- नहीं-नहीं! मैंने तो तुम्हें बताया ही है न, लेकिन तुमको बनाया किसने? परमात्मा ने ही तो बनाया है न, इसलिए पहले परमात्मा के चरणों में जाओ। फिर वो व्यक्ति परमात्मा के चरणों में गया। परमात्मा बोले- रुको! मैंने तुम्हें बनाया, यह सब ठीक है, और तुम मेरे चरणों में आ गए हो। लेकिन मेरे यहां न्याय की पद्धति है। अगर तुमने अच्छा किया है, अच्छे कर्म किये हैं, तो तुमको स्वर्ग मिलेगा। फिर अच्छा जन्म मिलेगा या अच्छी योनि मिलेगी। लेकिन अगर तुम बुरे कर्म करके आए हो, तो मेरे यहां दंड का प्रावधान भी है, और दंड मिलेगा। चौरासी लाख योनियों म

भगवान पर भरोसा........

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रात के ढाई बजे था, एक सेठ को नींद नहीं आ रही थी, वह घर में चक्कर पर चक्कर लगाये जा रहा था। पर चैन नहीं पड़ रहा था । आखिर  थक कर नीचे उतर आया और कार निकाली  शहर की सड़कों पर निकल गया। रास्ते में एक मंदिर दिखा सोचा थोड़ी देर इस मंदिर में जाकर भगवान के पास बैठता हूँ।  प्रार्थना करता हूं तो शायद शांति मिल जाये। वह सेठ मंदिर के अंदर गया तो देखा, एक दूसरा आदमी पहले से ही भगवान की मूर्ति के सामने बैठा था, मगर उसका उदास चेहरा, आंखों में करूणा दर्श रही थी। सेठ ने पूछा " क्यों भाई इतनी रात को मन्दिर में क्या कर रहे हो ?" आदमी ने कहा " मेरी पत्नी अस्पताल में है, सुबह यदि उसका आपरेशन नहीं हुआ तो वह मर जायेगी और मेरे पास आपरेशन के लिए पैसा नहीं है " उसकी बात सुनकर सेठ ने जेब में जितने रूपए थे  वह उस आदमी को दे दिए। अब गरीब आदमी के चहरे पर चमक आ गईं थीं । सेठ ने अपना कार्ड दिया और कहा इसमें फोन नम्बर और पता भी है और जरूरत हो तो निसंकोच बताना।  उस गरीब आदमी ने कार्ड वापिस दे दिया और कहा "मेरे पास उसका पता है " इस पते की जरूरत नहीं है सेठजी आश्चर्य से सेठ ने कहा "किस

सही समय.....

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एक बार स्वर्ग से घोषणा हुई कि भगवान सेब बांटने आ रहे है। सभी लोग भगवान के प्रसाद के लिए तैयार होकर लाइन लगाकर खड़े हो गए। एक छोटी बच्ची बहुत उत्सुक थी क्योंकि उसने भगवान की चर्चा तो ख़ूब सुनी थी, पहली बार भगवान को देखने जा रही थी। एक बड़े और सुंदर सेब के साथ-साथ भगवान के दर्शन की कल्पना से ही खुश थी। अंततः प्रतीक्षा समाप्त हुई। बहुत लंबी कतार में जब उसका नम्बर आया तो भगवान ने उसे एक बड़ा और लाल सेब दिया। लेकिन जैसे ही सेब पकड़कर लाइन से बाहर निकली उसका सेब हाथ से छूटकर कीचड़ में गिर गया। बच्ची उदास हो गई। अब उसे दुबारा से लाइन में लगना पड़ेगा। दूसरी लाइन पहली से भी लंबी थी। लेकिन कोई और रास्ता नहीं था। सबलोग ईमानदारी से अपनी बारी से सेब का प्रसाद लेकर जा रहे थे। बच्ची फिर से लाइन में लगी और अपनी बारी की प्रतीक्षा करने लगी। आधी क़तार को सेब मिलने के बाद सेब ख़त्म होने लगे। बहुत उदास हो गई। उसने सोचा कि उसकी बारी आने तक तो सब सेब खत्म हो जाएंगे लेकिन वह ये नहीं जानती थी कि भगवान के भंडार कभी ख़ाली नही होते। जब तक उसकी बारी आई तो और भी नए सेब आ गए । भगवान तो अन्तर्यामी ठहरे। बच्ची के मन की बात जान

| पैरों के निशान |

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जन्म से ठीक पहले एक बालक भगवान से कहता है प्रभु आप मुझे नया जन्म मत दीजिये मुझे पता है पृथ्वी पर बहुत बुरे लोग रहते है मैं वहाँ नहीं जाना चाहता और ऐसा कह कर वह उदास होकर बैठ जाता है भगवान् स्नेह पूर्वक उसके सर पर हाथ फेरते हैं और सृष्टि के नियमा नुसार उसे जन्म लेने की महत्ता समझाते हैं बालक कुछ देर हठ करताहै परभगवान् के बहुत मनाने पर वह नया जन्म लेने को तैयार हो जाता है ठीक है प्रभु, अगर आप की यही इच्छा है कि मैं मृत लोक में जाऊं तो वही सही पर जाने से पहले आपको मुझे एक वचन देना होगा बालक भगवान् से कहता है भगवान् बोलो पुत्र तुम क्या चाहते हो बालक आप वचन दीजिये कि जब तक मैं पृथ्वी पर हूँ तब तक हर एक क्षण आप भी मेरे साथ होंगे भगवान् अवश्य ऐसा ही होगा बालक पर पृथ्वी पर तो आप अदृश्य हो जाते हैं भला मैं कैसे जानूंगा कि आप मेरे साथ हैं कि नहीं भगवान् जब भी तुम आँखें बंद करोगे तो तुम्हे दो जोड़ी पैरों के चिन्ह दिखाइये देंगे उन्हें देखकर समझ जाना कि मैं तुम्हारे साथ हूँ फिर कुछ ही क्षणो में बालक का जन्म हो जाताहै जन्म के बाद वह संसा रिक बातों में पड़कर भगवान् से हुए वार्ता लाप को भूल जाता है प

"ससुराल बना मायका....

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नंदिनी अलार्म बजते ही उठी .... अलार्म बंद किया और सोची थोड़ा और सो लूं लेकिन जिम्मेदारियों ने उसे झकझोर कर जगा दिया....आज उसे मायके की याद आ गई यह महीना मायके के नाम होता था क्योंकि चीनू की छुट्टी होती थी ..देर तक सोना, देर से नहाना मां के हाथ का बना गरमा गरम नाश्ता खाना ...जी भरकर घूमना-फिरना ...भैय्या और पापा से बतियाना ... वह जल्दी जल्दी तैयार भी हो रही थी और झुंझला भी रही थी इस लाॅकडाऊन पर .... मन ही मन बुदबुदा रही थी क्या बला है ये कोरोना भी हुँह...  खैर ...चलो रसोई इंतजार कर रही है मम्मी पापा की चाय बनानी है । बिना नहाए रसोई में नहीं आना है यह निर्देश था मम्मी जी का शुरूआत से जिसे नंदिनी सात सालों मेें कभी नही भूली थी.... रसोई की ओर जाने से पहले उसने एक नजर बिंदास सोते पति और बेटे चीनू पर डाली और धीरे से दरवाजा लगा कर सीढ़ियां उतरने लगी... रसोई से आ रही आवाज से उसका दिल धक्क से रह गया क्या मुझे देर हो गई..... जल्दी-जल्दी सीढ़ी उतरने हुए नंदिनी ने हाॅल पर लगी घड़ी पर नजर दौड़ाई ..... नही देर कहा हुई मुझे सोचते हुए रसोई पहुंच गई.... मम्मी जी को वहां देखकर भय और घबराहट में बोली मम्मी

Powerful Way To Live Happy Life....

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Tell Yourself - Good Morning.  That Is To Say, Have a Beautiful Day, Be Happy, Be Lucky, Be Free From Stress, I Will Be Happy.  Live Today Like That Be Memorable For Tomorrow.   Everyday Is a Boon For Humans. Which Day Is Good And Which Is Bad!  If You Want To Do Good Work Then Every Day Is Good, If You Want To Do Bad Work Then Tuesday Is Also Bad. Whenever We Are Disturbed, Stand In Front Of The Mirror, W e See That Person In It  Who Will Be Able To Solve Our Every Problem. Try For A Solution Otherwise You Will Become A Problem Yourself.If The Effort Is Positive  Then Every Problem Comes Out.   Instead Of Looking For Big Work Start Small Work Only  After All Every Elder Is Born With A Small Womb.  Always Present Yourself In Such A Way That It Is Not Possible For You To Present It In A Better Way Than That.   Be Especially Calm When Someone Starts Pulling Out Your Angry.Patience And Peace Is The Weapon To Counter Anger.  May We Treat Our Employee With Such Patience And Calmness That He